
अक्षय तृतीया पर श्री अखंड परशुराम अखाड़े के कार्यकर्ताओं ने परशुराम की जयंती श्रद्धा और उल्लास के साथ मना। अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक के संयोजन में मालवीय घाट पर मां गंगा का पूजन कर परशुराम जन्मोत्सव मनाया। सभी ने गंगा पूजन कर सनातन धर्म की परंपराओं के संरक्षण का संकल्प दोहराया।
उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन प्रदोष काल में हुआ था। वे ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के पुत्र तथा चिरंजीवी माने जाते हैं।
उन्होंने कहा भगवान परशुराम ने शास्त्र और शस्त्र दोनों को धारण किया। जहां शास्त्र आत्मकल्याण का माध्यम है वहीं शस्त्र आत्मरक्षा का। आज के दौर में जब आतंकवाद जैसी कुरीतियां समाज को निगल रही हैं तब सनातन धर्म और समाज की रक्षा के लिए दोनों की आवश्यकता है।